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अपने नसीब में जो है वो स्वम् ही मिलेगा ये बात स



अपने नसीब में जो है 
वो स्वम् ही मिलेगा ये बात सही नही है ।।।। 
कर्म के बिना फल का कोई अस्तित्व नही हे ।।।।

©परवाज़ हाज़िर ........
  अपहाय निजं कर्म कृष्णकृष्णोति वादिनः ।
ते हरेर्द्वेषिनः पापाः धर्मार्थ जन्म यध्धरेः ॥

अर्थ ,".  जो लोग अपना कर्म छोडकर केवल कृष्ण कृष्ण बोलते रहते हैं, वे हरि के द्वेषी हैं ।

अपहाय निजं कर्म कृष्णकृष्णोति वादिनः । ते हरेर्द्वेषिनः पापाः धर्मार्थ जन्म यध्धरेः ॥ अर्थ ,". जो लोग अपना कर्म छोडकर केवल कृष्ण कृष्ण बोलते रहते हैं, वे हरि के द्वेषी हैं । #Thoughts

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