ज़िन्दगी का सफर जन्म से मृत्यु पर्यन्त बस चलता है आदमी खुशियों को खोजने बस दौड़ता है आदमी कभी लिये मकसद तो कभी यों बेमकसद झूझता है दिनभर वो खोजता है नयी डगर भुला इस सत्य को चलता चले वो बेखबर नहीं होता खत्म कभी ज़िन्दगी का सफर क्यों मृगतृष्णा के पीछे यों दौड़ता है आदमी भीतर का आनंद बाहर खोजता है आदमी #Life #nojoto #nojotohindi #truth #कविता #शायरी #विचार #tst #kiranbala