कारीगर हूँ साहब "अल्फाज़"की मिट्टी से"महफिल" सजाता हूँ, कुछ को "कलाकार" तो कुछ को बेकार नजर आता हूँ.. ©Sumit Kumar कुछ को बेकार नजर आता हूँ..