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गंगा की धार सावन में,बरसात, पतझड़ में पलाश सर्दी मे

गंगा की धार
सावन में,बरसात, पतझड़ में पलाश
सर्दी में,जलता हुआ अलाव
बदलते मौसमों सा, होता बदलाव
पहनावों में होता है,जैसे बदलाव...!
बस कुछ इस तरह बदल जाता है 
माँ के प्यार का मिज़ाज़!
चिंता और देखभाल, 
जो कल थी वही आज... गंगा की धार
सावन में जैसे,बरसात, पतझड़ में पलाश
सर्दी में,जैसे जलता हुआ अलाव
बदलते मौसमों सा, होता बदलाव
पहनावों में होता है,जैसे बदलाव...!
बस कुछ इस तरह बदल जाता है 
माँ के प्यार का मिज़ाज़!
चिंता और देखभाल,
गंगा की धार
सावन में,बरसात, पतझड़ में पलाश
सर्दी में,जलता हुआ अलाव
बदलते मौसमों सा, होता बदलाव
पहनावों में होता है,जैसे बदलाव...!
बस कुछ इस तरह बदल जाता है 
माँ के प्यार का मिज़ाज़!
चिंता और देखभाल, 
जो कल थी वही आज... गंगा की धार
सावन में जैसे,बरसात, पतझड़ में पलाश
सर्दी में,जैसे जलता हुआ अलाव
बदलते मौसमों सा, होता बदलाव
पहनावों में होता है,जैसे बदलाव...!
बस कुछ इस तरह बदल जाता है 
माँ के प्यार का मिज़ाज़!
चिंता और देखभाल,
anitasaini9794

Anita Saini

Bronze Star
New Creator

गंगा की धार सावन में जैसे,बरसात, पतझड़ में पलाश सर्दी में,जैसे जलता हुआ अलाव बदलते मौसमों सा, होता बदलाव पहनावों में होता है,जैसे बदलाव...! बस कुछ इस तरह बदल जाता है माँ के प्यार का मिज़ाज़! चिंता और देखभाल,