एक नगमा सुनाऊँ क्या ख़्वाब का गीत सुनाऊँ क्या शब्दों को एहसासों में पिरो कर प्रेम की माला बनाऊँ क्या तुम कहो तो सुना दूँ सब कुछ या आँखो में मेरी बसाऊँ क्या इस गीत में दर्द है कुछ ज्यादा सा अक्षो में आँसु लाऊँ क्या बीते लम्हों की दास्तान है कहो तुम्हे बताऊँ क्या ©Lee Kalpana Kp Yadav