( राहगीर की ) जलाकर मशालें रोशन की राहें राहगीर की , पता नहीं किसे ढूंढ रही थी निगाहें राहगीर की ,, दिल में तो बहुत सा दर्द भरा था उसके , मगर खाली खाली सी थी बाहें राहगीर की ,, सहमा सा बदन जुबान भी चुप थी उसकी , लेकिन बड़ा कुछ कह रही थी आहें राहगीर की ,, यार मिले तो समेट ले अपनी गिरिफत में , इस कदर तलबदार थी पनाहें राहगीर की ,, #राहगीर_की #mast_malang #yourauotebaba #yourquotefanclub #yourquotedidi