----------+---------- ये प्रभात लालिमा की होती जो खिला देती मियान का समसीर फिर ये संध्या ले आती इस ह्रदय के पीर का नीर -----------+---------- ये उत्साह खुशी की होती जो बदल देती माथे का तकदीर फिर ये मायूसी ले आती इस ह्रदय के पीर का नीर ------------+------------ ये पंखुड़ी गुलाब की होती जो मेहका देती मनुष्य का शरीर फिर ये पतझड़ ले आती इस ह्रदय के पीर का नीर ---------+--------- ये संयोग प्रेम की होती जो मिला देती भावनाओं का तीर फिर ये वियोग ले आती इस ह्रदय के पीर का नीर ------+------+------ ❤️ इस ह्रदय के पीर का नीर 😭