कितनी चंचल कितनी भोली प्यारी सूरत सुरीली बोली मृग से नैन हंसी जैसे मोतियों की टोली लब जैसे गुलाब की टोली खुशबू फूलों के इत्र सी तुम हो इक सुंदर सी परी सी ©Dr Supreet Singh #सुंदरता_की_मूरत