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बहती नदियाँ कह रही, चलती हवाएँ कह रही,,,! पेड़ो की

बहती नदियाँ कह रही,
चलती हवाएँ कह रही,,,!
पेड़ो की डाली झुम रही,
बागों में कोयल कुक रही!
,वो नाच नाच के मोरनी,
गुलशन से वो यह कह रही,,,,!

 तश्वीर बदल रही है,तकदीर बदल रही है,

बहती नदियाँ कह रही, चलती हवाएँ कह रही,,,! पेड़ो की डाली झुम रही, बागों में कोयल कुक रही! ,वो नाच नाच के मोरनी, गुलशन से वो यह कह रही,,,,! तश्वीर बदल रही है,तकदीर बदल रही है,

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