उड़े खुद ही छोड़ घोंसलों को इल्ज़ाम पेड़ों को देते रहे फेंक कर दूसरों पे पत्थर बेचारे खुद बनते रहे ©Anita Mishra #Likho 'दर्द भरी शायरी' हिंदी शायरी