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मेरा कमरा Read in Caption तीन पंखडियाँ है,बेबस है

मेरा कमरा

Read in Caption तीन पंखडियाँ है,बेबस है कि उड नहीं सकता,
मेरे कमरे के पंखे की शिकायत बस यह है कि वो कमरे की छत से जुडा है,उसकी भी ख्वाहिश है कि काश ! वो हेलीकॉप्टर पे लगा होता । या चलो कुछ नहीं तो वींड मिल के आगे लगा होता,वहाँ उसे हवा देनी नहीं पडती,वो भी बडे से किसी खेत में राजाओं की तरह हवा खा रहा होता,लेकिन यहाँ क्या ?
यहाँ उल्टा लटका के रोज़ की कसरत ।

एक शिकायत मेरे कमरे पे लटकी खुबसूरत तस्वीर की भी है,कि महिनों से लटकाया है मुझे एक कील के सहारे,इस कील का क्या भरोसा? 
यह निकल गई किसी दिन तो मै किसके भरोसे रहूंगी?
और इतनी खुबसूरत हूँ,फिर यह बंद कमरे मे क्यों? किसी खिडकी से बस कोई खिडकी दिखती है,यह पहाड़,नदियाँ और बादल कहाँ है?
इन ईंटों के बीच,मेरी तो शख्सियत ही छीन ली ।
मेरा कमरा

Read in Caption तीन पंखडियाँ है,बेबस है कि उड नहीं सकता,
मेरे कमरे के पंखे की शिकायत बस यह है कि वो कमरे की छत से जुडा है,उसकी भी ख्वाहिश है कि काश ! वो हेलीकॉप्टर पे लगा होता । या चलो कुछ नहीं तो वींड मिल के आगे लगा होता,वहाँ उसे हवा देनी नहीं पडती,वो भी बडे से किसी खेत में राजाओं की तरह हवा खा रहा होता,लेकिन यहाँ क्या ?
यहाँ उल्टा लटका के रोज़ की कसरत ।

एक शिकायत मेरे कमरे पे लटकी खुबसूरत तस्वीर की भी है,कि महिनों से लटकाया है मुझे एक कील के सहारे,इस कील का क्या भरोसा? 
यह निकल गई किसी दिन तो मै किसके भरोसे रहूंगी?
और इतनी खुबसूरत हूँ,फिर यह बंद कमरे मे क्यों? किसी खिडकी से बस कोई खिडकी दिखती है,यह पहाड़,नदियाँ और बादल कहाँ है?
इन ईंटों के बीच,मेरी तो शख्सियत ही छीन ली ।
namitraturi9359

Namit Raturi

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