ऐ व़क्त ज़रा ठहर कहाँ उड़ चला है तेरे संग उड़ चला मेरी यादों का सिलसिला है थम ज़रा साँस ले मुझको भी लेने दे यह ज़िंदगी बड़ी हसीं घूँट घूँट पीने दे मत गुज़र, ज़रा ठहर न बीतने दे यह पहर हँस ज़रा, ठिठोल कर क्या मिलेगा दौड़कर .- स्वरचित अजय नेमा #BeautifulMoment #व़क्त#कविता#nojotoapp#nojotohindi