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मेरे मधुवन के करीब पहुचते शुरुआती फ्यूचर के विज़न क

मेरे मधुवन के करीब पहुचते शुरुआती फ्यूचर के विज़न क्या मधुवन पहुंचते ही मैं कोई बड़ा जादू,रातों रात कुछ कर दूंगा,बिल्कुल नही,मैं चाहूं तो भी संभव नहीं, वहां जाकर मेरा सबसे पहला काम खुद को ब्रह्माण्ड से जोड़ना है,आप पूछेंगे यह क्या होता है,मुझे अपने विज़न शब्दो मे समझाने नही आते,फिर भी कोशिश करता हूं,आप ने यहाँ मुझमे औऱ ब्रह्माण्ड में split देखा होगा,अम्म्म.... कहने का मतलब एक तरह का पूरे संसार का opposition(इसमे सारा संसार आता है,कोई विशेष व्यक्ति वस्तु नही)यहां मैं अपना पूरा दिल खोलना सेफ नही समझता,इसमे मेरा खुद का बस भी नही है,यह कोई शेखी नही है,सच मे मैं खुद अपने दिल को यह इजाजत नही दे पाऊंगा, उसके बिना मैं ब्रह्माण्ड के साथ unsplit नही होऊंगा, मैं और आप एक नही हो सकते तब तक,मधुवन जाते ही मैं ब्रह्माण्ड पर से resistance हटा दूंगा,यह बहुत ही डरावनी चीज़ है,बहुत ही डरावनी,और ब्रह्मांड से पुनः एक होने के लिए मेरे विचार में मधुवन इस संसार की सबसे बढ़िया जगह है,इसका कारण मुझे खुद भी नही पता, पर मेरा अंतर्मन मुझसे बेहतर जानता है, कमाल है,चलिए resistance छोड़ते ही,ब्रह्मण्ड की कॉस्मिक energy मुझे दिन में तारे भी दिखा सकती है,इसका नतीजा क्या होगा, मैं अब से ज्यादा strong बन जाऊंगा या कमज़ोर पता नही,लेकिन यह कुछ भी हो सकता है, पूर्णतय अनिश्चित, लेकिन वो जो होगा वो मेरी असलियत होगी,इसीलिए शुरुआत में वहां भी मैं धीरे धीरे इस चीज़ को होने दूंगा,एकदम से किया तो मेरे परखच्चे उड़ सकते है,आप कहेंगे मज़ाक कर रहा है, बिल्कुल नही,लेकिन इसके बिना मैं अपनी फ्रीक्वेंसी के मुताबिक हालातो से नही मिल पाऊंगा,और तब तक मैं अपना दिल नही खोल पाऊंगा, तब तक ब्रह्मण्ड और मैं एक नही हो पाएंगे, दिव्य प्रेम की अनुभूति अनंत में मुझे नही होगी, इसके बिना मैं जी नही पा रहा हूँ,एक और example है,कि जैसे जलेबी तल ली गयी है,बस उसे अब किसी लिक्विड में डुबोना है,अब जलेबी को डालते ही जलेबी उस लिक्विड को सोख लेगी,मीठा है,कड़वा है वो जलेबी को नही पता, तो मेरे लिए ब्रह्माण्ड से एक होने के लिए मधुवन ही वो चाशनी है,जिसके सामने दिल खोलते ही,मेरे अंदर मिठास भर जाएगी,बाहरी संसार से भी एक हो सकता हूं,लेकिन हृदय खोलते ही मैं औऱ आप एक हो जाएंगे, हम सब एक हो जाएंगे,लेकिन यहां चाशनी नही है,उस हिसाव से,तो मधुवन ही बेस्ट जगह है,ब्रह्मण्ड से जुड़ने के लिए,यह मेरी कमज़ोरी भी हो सकती है,मेरी समझ भी,लेकिन मेरा अंतर्मन मुझे सिर्फ और सिर्फ ब्राह्मण परिवार में,मधुवन में इसकी इजाजत दे रहा है,चलिए देखते है क्या बनता है
मेरे मधुवन के करीब पहुचते शुरुआती फ्यूचर के विज़न क्या मधुवन पहुंचते ही मैं कोई बड़ा जादू,रातों रात कुछ कर दूंगा,बिल्कुल नही,मैं चाहूं तो भी संभव नहीं, वहां जाकर मेरा सबसे पहला काम खुद को ब्रह्माण्ड से जोड़ना है,आप पूछेंगे यह क्या होता है,मुझे अपने विज़न शब्दो मे समझाने नही आते,फिर भी कोशिश करता हूं,आप ने यहाँ मुझमे औऱ ब्रह्माण्ड में split देखा होगा,अम्म्म.... कहने का मतलब एक तरह का पूरे संसार का opposition(इसमे सारा संसार आता है,कोई विशेष व्यक्ति वस्तु नही)यहां मैं अपना पूरा दिल खोलना सेफ नही समझता,इसमे मेरा खुद का बस भी नही है,यह कोई शेखी नही है,सच मे मैं खुद अपने दिल को यह इजाजत नही दे पाऊंगा, उसके बिना मैं ब्रह्माण्ड के साथ unsplit नही होऊंगा, मैं और आप एक नही हो सकते तब तक,मधुवन जाते ही मैं ब्रह्माण्ड पर से resistance हटा दूंगा,यह बहुत ही डरावनी चीज़ है,बहुत ही डरावनी,और ब्रह्मांड से पुनः एक होने के लिए मेरे विचार में मधुवन इस संसार की सबसे बढ़िया जगह है,इसका कारण मुझे खुद भी नही पता, पर मेरा अंतर्मन मुझसे बेहतर जानता है, कमाल है,चलिए resistance छोड़ते ही,ब्रह्मण्ड की कॉस्मिक energy मुझे दिन में तारे भी दिखा सकती है,इसका नतीजा क्या होगा, मैं अब से ज्यादा strong बन जाऊंगा या कमज़ोर पता नही,लेकिन यह कुछ भी हो सकता है, पूर्णतय अनिश्चित, लेकिन वो जो होगा वो मेरी असलियत होगी,इसीलिए शुरुआत में वहां भी मैं धीरे धीरे इस चीज़ को होने दूंगा,एकदम से किया तो मेरे परखच्चे उड़ सकते है,आप कहेंगे मज़ाक कर रहा है, बिल्कुल नही,लेकिन इसके बिना मैं अपनी फ्रीक्वेंसी के मुताबिक हालातो से नही मिल पाऊंगा,और तब तक मैं अपना दिल नही खोल पाऊंगा, तब तक ब्रह्मण्ड और मैं एक नही हो पाएंगे, दिव्य प्रेम की अनुभूति अनंत में मुझे नही होगी, इसके बिना मैं जी नही पा रहा हूँ,एक और example है,कि जैसे जलेबी तल ली गयी है,बस उसे अब किसी लिक्विड में डुबोना है,अब जलेबी को डालते ही जलेबी उस लिक्विड को सोख लेगी,मीठा है,कड़वा है वो जलेबी को नही पता, तो मेरे लिए ब्रह्माण्ड से एक होने के लिए मधुवन ही वो चाशनी है,जिसके सामने दिल खोलते ही,मेरे अंदर मिठास भर जाएगी,बाहरी संसार से भी एक हो सकता हूं,लेकिन हृदय खोलते ही मैं औऱ आप एक हो जाएंगे, हम सब एक हो जाएंगे,लेकिन यहां चाशनी नही है,उस हिसाव से,तो मधुवन ही बेस्ट जगह है,ब्रह्मण्ड से जुड़ने के लिए,यह मेरी कमज़ोरी भी हो सकती है,मेरी समझ भी,लेकिन मेरा अंतर्मन मुझे सिर्फ और सिर्फ ब्राह्मण परिवार में,मधुवन में इसकी इजाजत दे रहा है,चलिए देखते है क्या बनता है
rishu2984183349154

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क्या मधुवन पहुंचते ही मैं कोई बड़ा जादू,रातों रात कुछ कर दूंगा,बिल्कुल नही,मैं चाहूं तो भी संभव नहीं, वहां जाकर मेरा सबसे पहला काम खुद को ब्रह्माण्ड से जोड़ना है,आप पूछेंगे यह क्या होता है,मुझे अपने विज़न शब्दो मे समझाने नही आते,फिर भी कोशिश करता हूं,आप ने यहाँ मुझमे औऱ ब्रह्माण्ड में split देखा होगा,अम्म्म.... कहने का मतलब एक तरह का पूरे संसार का opposition(इसमे सारा संसार आता है,कोई विशेष व्यक्ति वस्तु नही)यहां मैं अपना पूरा दिल खोलना सेफ नही समझता,इसमे मेरा खुद का बस भी नही है,यह कोई शेखी नही है,सच मे मैं खुद अपने दिल को यह इजाजत नही दे पाऊंगा, उसके बिना मैं ब्रह्माण्ड के साथ unsplit नही होऊंगा, मैं और आप एक नही हो सकते तब तक,मधुवन जाते ही मैं ब्रह्माण्ड पर से resistance हटा दूंगा,यह बहुत ही डरावनी चीज़ है,बहुत ही डरावनी,और ब्रह्मांड से पुनः एक होने के लिए मेरे विचार में मधुवन इस संसार की सबसे बढ़िया जगह है,इसका कारण मुझे खुद भी नही पता, पर मेरा अंतर्मन मुझसे बेहतर जानता है, कमाल है,चलिए resistance छोड़ते ही,ब्रह्मण्ड की कॉस्मिक energy मुझे दिन में तारे भी दिखा सकती है,इसका नतीजा क्या होगा, मैं अब से ज्यादा strong बन जाऊंगा या कमज़ोर पता नही,लेकिन यह कुछ भी हो सकता है, पूर्णतय अनिश्चित, लेकिन वो जो होगा वो मेरी असलियत होगी,इसीलिए शुरुआत में वहां भी मैं धीरे धीरे इस चीज़ को होने दूंगा,एकदम से किया तो मेरे परखच्चे उड़ सकते है,आप कहेंगे मज़ाक कर रहा है, बिल्कुल नही,लेकिन इसके बिना मैं अपनी फ्रीक्वेंसी के मुताबिक हालातो से नही मिल पाऊंगा,और तब तक मैं अपना दिल नही खोल पाऊंगा, तब तक ब्रह्मण्ड और मैं एक नही हो पाएंगे, दिव्य प्रेम की अनुभूति अनंत में मुझे नही होगी, इसके बिना मैं जी नही पा रहा हूँ,एक और example है,कि जैसे जलेबी तल ली गयी है,बस उसे अब किसी लिक्विड में डुबोना है,अब जलेबी को डालते ही जलेबी उस लिक्विड को सोख लेगी,मीठा है,कड़वा है वो जलेबी को नही पता, तो मेरे लिए ब्रह्माण्ड से एक होने के लिए मधुवन ही वो चाशनी है,जिसके सामने दिल खोलते ही,मेरे अंदर मिठास भर जाएगी,बाहरी संसार से भी एक हो सकता हूं,लेकिन हृदय खोलते ही मैं औऱ आप एक हो जाएंगे, हम सब एक हो जाएंगे,लेकिन यहां चाशनी नही है,उस हिसाव से,तो मधुवन ही बेस्ट जगह है,ब्रह्मण्ड से जुड़ने के लिए,यह मेरी कमज़ोरी भी हो सकती है,मेरी समझ भी,लेकिन मेरा अंतर्मन मुझे सिर्फ और सिर्फ ब्राह्मण परिवार में,मधुवन में इसकी इजाजत दे रहा है,चलिए देखते है क्या बनता है