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लांघ के सिंधु गये धर्म संसद विवेकानंद । भैया-बहनो

लांघ के सिंधु
गये धर्म संसद
विवेकानंद ।

भैया-बहनों
आत्मीय सम्बोधन
स्तब्ध शिकागो ।

वेदान्त चर्चा
प्रभावित विद्वान
सभी धर्म के ।

बोले स्वामी जी
कुटुम्ब है ये विश्व
हम हैं एक ।

दर्प झूठा है
करता बातें बड़ी
कूपमंडूक ।

जैसा सोचोगे
बन जाओगे वैसा
बनो सबल ।

रहो उदार
खोलो मन के द्वार
त्याग दो धृणा ।

( स्वरचित )

    राजकिशोर राजपूत

©रajkishor रajput
  #स्वामी विवेकानंद

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