Nojoto: Largest Storytelling Platform

मैं इस गम के सागर में कहीं डूब न जाऊं, तुम माझी बन

मैं इस गम के सागर में कहीं डूब न जाऊं,
तुम माझी बनकर मुझे पार लगाओगे क्या?
 मैं किसी भी विपदा में रहूं,
तुम बेतहाशा दौड़ते हुए मेरे पास आकर मेरे
कांधे पर हाथ रखोगे क्या? 
   मेरी आंखों से बहती हुई अश्रुधाराओं को अपने हाथों से पोंछोगे क्या?
  मैं इस जीवन की राह में आगे बढ़ती हुई एक राही हूं,
    इन  कंटीले रास्तों में कहीं गिर न जाऊं,
  तुम मेरा हाथ थामकर मुझे संभालोगे क्या?
   किसी भी हाल में मैं ख़ुद को अशक्त न समझने लगूं,
  तुम मेरे हमराह बनकर मेरे साथ क़दम से क़दम मिलाओगे क्या?
  मैं निर्बल होकर गिरने न लग जाऊं,  
  जीवन के इस कठिन सफर में,
  तुम मुझे इस तरह गिरने से बचाओगे क्या?
मैंने कल्पनाओं का ये जो सागर निर्मित किया है,
 इक रोज़ तुम इसे यथार्थ में बदलोगे क्या?

©D.R. divya (Deepa) #Soul #Love #Life #Life_experience #poeatry #poem #SAD
मैं इस गम के सागर में कहीं डूब न जाऊं,
तुम माझी बनकर मुझे पार लगाओगे क्या?
 मैं किसी भी विपदा में रहूं,
तुम बेतहाशा दौड़ते हुए मेरे पास आकर मेरे
कांधे पर हाथ रखोगे क्या? 
   मेरी आंखों से बहती हुई अश्रुधाराओं को अपने हाथों से पोंछोगे क्या?
  मैं इस जीवन की राह में आगे बढ़ती हुई एक राही हूं,
    इन  कंटीले रास्तों में कहीं गिर न जाऊं,
  तुम मेरा हाथ थामकर मुझे संभालोगे क्या?
   किसी भी हाल में मैं ख़ुद को अशक्त न समझने लगूं,
  तुम मेरे हमराह बनकर मेरे साथ क़दम से क़दम मिलाओगे क्या?
  मैं निर्बल होकर गिरने न लग जाऊं,  
  जीवन के इस कठिन सफर में,
  तुम मुझे इस तरह गिरने से बचाओगे क्या?
मैंने कल्पनाओं का ये जो सागर निर्मित किया है,
 इक रोज़ तुम इसे यथार्थ में बदलोगे क्या?

©D.R. divya (Deepa) #Soul #Love #Life #Life_experience #poeatry #poem #SAD