दिवाना था पागल था उसके लिए दिल कई वर्षों से घायल था। सोचा कई दफा बता दूँ उसे बस मन यही सोच घबराता था टूट जायेगी अपनी यारी छूट जायेगी अपनी गाड़ी यह सोच हर बार जी चुराता था।। दिवाना था पागल था उसके लिए दिल कई वर्षों से घायल था।। डर जिंदगी को और डराती मौत को हमेशा अपने करीब लाती है।।