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खावो की किस्ती के कुछ दिन सुहाने नीकले,जिसे में ज

खावो की किस्ती के कुछ दिन सुहाने  नीकले,जिसे में जानता भी नहीं था वो हमारे अपने निकले,जो मेरे दिल और जहन में भी नहीं था ,जिसे में समझता  रहा अपना वो भी परवाने निकले,ये सारा उसका दोष नहीं है वो किसी और के निकले,हमने ही माना था उन्हें अपना पर वो किसी और के निकले 


अब हम गलत किसे ठहराए हम खुद ही गतल निकले , वो सोने के आभूषण तो हम मिट्टी के खिलौने निकले,हम ढ़ुड़ने निकले पथरो मे जान तो यहां मतलब की दुनिया सब बेजान निकले। 


कहा उसकी गलती यहां सब गलत निकले, यहां खोज रहे थे हम बफा पर यहां सब बेबफा निकले,........ अमित माहला कहा उसकी गलती यहां सब गलत निकले, यहां खोज रहे थे हम बफा पर यहां सब बेबफा निकले,........ अमित माहला
खावो की किस्ती के कुछ दिन सुहाने  नीकले,जिसे में जानता भी नहीं था वो हमारे अपने निकले,जो मेरे दिल और जहन में भी नहीं था ,जिसे में समझता  रहा अपना वो भी परवाने निकले,ये सारा उसका दोष नहीं है वो किसी और के निकले,हमने ही माना था उन्हें अपना पर वो किसी और के निकले 


अब हम गलत किसे ठहराए हम खुद ही गतल निकले , वो सोने के आभूषण तो हम मिट्टी के खिलौने निकले,हम ढ़ुड़ने निकले पथरो मे जान तो यहां मतलब की दुनिया सब बेजान निकले। 


कहा उसकी गलती यहां सब गलत निकले, यहां खोज रहे थे हम बफा पर यहां सब बेबफा निकले,........ अमित माहला कहा उसकी गलती यहां सब गलत निकले, यहां खोज रहे थे हम बफा पर यहां सब बेबफा निकले,........ अमित माहला

कहा उसकी गलती यहां सब गलत निकले, यहां खोज रहे थे हम बफा पर यहां सब बेबफा निकले,........ अमित माहला