जीना है तो मरना सीखो लेना है तो देना सीखो जन्म मिला है मौत की मोहलत तक इसे जीना सीखो। साँस जो ली है उसे छोड़ना पड़ता है भोग ले जब तक भोग हैं उसके बाद तो रोग और शोग हैं। किस चीज का गुमान है जो कमाया वही गंवाना है इक राम नाम के सिवाय प्राणी साथ कुछ नहीं जाना है। फिर काहे सब समझे अपना राम नाम बिन सब बेगाना है। संगी साथी रिश्ते नाते मिले सब कर्मन के खाते। खाता पूरा मार्ग सब अपने जाते। यहीं रह जाएगा गाड़ी,दौलत और बंगला राम नाम बिन जीव जाये कंगला। जीवन का लक्ष्य प्यारे दुनिया से दीनदयाल ओर मोड़ना है। नेक कर्म कर काल से डरना सीखो। भजन सिमरन से जीते जी मरना सीखो। जीना है तो मरना सीखो लेना है तो देना सीखो। त्याग