Ravish Wins Magsaysay ना भारी भीड़ हो चारों ओर, ना तालियों का शोर हो, मैं नहीं चाहता मेरा नाम चारों ओर हो, बस यही अवार्ड चाहता हूँ जिंदगी, जब सफर पूरा हो मेरा, मेरा जिस्म धरती माँ तेरी गोद में हो, जब चिता जले मेरी ना कोई आँसू गिरे, बस हर जुबाँ खा़मोश हो, ये था भारत माँ का बेटा, बस यही एक शोर हो।। #अंकित सारस्वत# #अवार्ड