Nojoto: Largest Storytelling Platform

अमीरों के महफिल में हम गरीब सहमें से खरे थे चमक

अमीरों के महफिल में 
हम गरीब सहमें से खरे थे 
चमक फीकी थी उनके लिवास से हमारी 
हम छोटे लोग अपनी मिट्टी से जो परे थे 
उन्होनें हमसे दूरी बना ली गंदा समझकर 
हम बेशर्म फिर भी आँखें गीराए अड़े थे 
सुनों........ 
फिर भी शिकायत नहीं  हमें ...उस खुदा से.... 
हम तो इनके .... 
गंदे सोच से डरे थे... !!! My best ever ## it's not fiction ##reality
अमीरों के महफिल में 
हम गरीब सहमें से खरे थे 
चमक फीकी थी उनके लिवास से हमारी 
हम छोटे लोग अपनी मिट्टी से जो परे थे 
उन्होनें हमसे दूरी बना ली गंदा समझकर 
हम बेशर्म फिर भी आँखें गीराए अड़े थे 
सुनों........ 
फिर भी शिकायत नहीं  हमें ...उस खुदा से.... 
हम तो इनके .... 
गंदे सोच से डरे थे... !!! My best ever ## it's not fiction ##reality
ppriyadarshi3841

priyaranjan

New Creator