@ आज सालों बाद उनका खत अलमारी के एक कोने से जमी पर जा गिरा जैसे जैसे खत से नजदीकियां बड़ रही थी। सांसे धड़कनों से जो जुड़ रही थी मैं यादें और वो इश्क पढ़ रही थी। इश्क का वो दौर था जिसमे खातों पर जोर था किताबो के किसी पने पर फूल तो किसी पर खत हुआ करते थे । उस वक्त तक उनसे हम बेइंतहां महोबत किया करते थे।। एक वक्त ऐसा भी आया था । जिसमे हमने खातों का जमाना गवाया था। और मोबाइल का दौर आया था। इश्क महोबत सब दूर हो रहे थे । क्योंकि लोग इश्क ए व्यापार में जो मशहूर हो रहे थे। वो खत जो अलमारी से निकला याद तो आना था जिससे वो निकला वो इश्क का जमाना था। ©Ajay sheoran #unkakhat #SeptemberCreator #Love #viral #nojoto #qoutes #Loneliness