कर्त्तव्य-पथ पर वृत्ति अपनी वृत्त जाने अब लगे हैं,रात कुछ न,दिन ही दिन हैं, आज हर इक कल का ही दुहराव लगता, क्या नयी सुबह और क्या गये दिन ? ©BANDHETIYA OFFICIAL वृत्ति जैसे वृत्त ! #shaadi