भुला देंगे हम तुझे तू महज इंसान ही तो है । जानकर हर ख़्याल-ए-ख़ामोशी तू अनजान ही तो है ।। क्या हुआ जो जान पर कब्जा है तेरा । जान उलझीं यादों का एक मकान ही तो है ।। सुलगता है जो सासों में हर आहट-ए-रवानी पर वो रौशन फ़ितूर-ए- मोहब्बत एक शमशान ही तो है।। #DevanahParashar#Nojoto#Google