ॐ घृणिं सूर्य्य: आदित्य: ओम भयहरणं च भैरव:। ओम कालभैरवाय नम:। ओम ह्रीं बं बटुकाय आपदुद्धारणाय कुरूकुरू बटुकाय ह्रीं। ओम भ्रं कालभैरवाय फट्। ओ पालनहारे,निर्गुण और न्यारे-तुमरे बिन हमरा कौनो नाहीं-हमरी उलझन-सुलझाओ भगवन-तुमरे बिन हमरा कौनो नाहीं तुम्हीं हमका हो संभाले-तुम्हीं हमरे रखवाले-तुमरे बिन हमरा कौनो नाहीं चन्दा में तुम्हीं तो भरे हो चांदनी-सूरज में उजाला तुम्हीं से-ये गगन है मगन-तुम्हीं तो दिए हो इसे तारे-भगवन ये जीवन-तुम्हीं ना संवारोगे-तो क्या कोई सँवारे-ओ पालनहारे निर्गुण और न्यारे- तुमरे बिन हमरा कौनो नाहीं तुमरे बिन हमरा कौनो नाहीं जो सुनो तो कहे-प्रभुजी हमरी है बिनती-दुखी जन को,धीरज दो-हारे नहीं वो कभी दुख से-तुम निर्बल को रक्षा दो-रह पाएं निर्बल सुख से-भक्ति को, शक्ति दो-भक्ति को, शक्ति दो-जग के जो स्वामी हो,इतनी तो अरज सुनो-हैं पथ में अंधियारे-दे दो वरदान में उजियारे,ओ पालनहारे-निर्गुण और न्यारे-तुमरे बिन हमरा कौनो नाहीं-हमरी उलझन, सुलझाओ भगवन-तुमरे बिन हमरा कौनो नाहीं 🙏 बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹 ©Vikas Sharma Shivaaya' ॐ घृणिं सूर्य्य: आदित्य: ओम भयहरणं च भैरव:। ओम कालभैरवाय नम:। ओम ह्रीं बं बटुकाय आपदुद्धारणाय कुरूकुरू बटुकाय ह्रीं। ओम भ्रं कालभैरवाय फट्। ओ पालनहारे,निर्गुण और न्यारे-तुमरे बिन हमरा कौनो नाहीं-हमरी उलझन-सुलझाओ भगवन-तुमरे बिन हमरा कौनो नाहीं तुम्हीं हमका हो संभाले-तुम्हीं हमरे रखवाले-तुमरे बिन हमरा कौनो नाहीं