Nojoto: Largest Storytelling Platform

किस क़दर तन्हा है अब इस दिल का मेरे कारवां, था कभी

किस क़दर तन्हा है अब इस दिल का मेरे कारवां,
था कभी आबाद  ख़्वाबों का यहीं पर इक जहां।।

किस सफ़र पर हम चले थे, कौन से हैं मरहले!
न कोई मेरा जहां में न किसी का मैं यहां।।

ख़्वाहिशों के पीछे आख़िर चलते-चलते थक गए,
गुम हुई मंज़िल कहीं, अब क्या करूं, जाऊं कहां?

अब फ़क़त रोशन हैं यादों के दिये हर सू मगर,
तू नहीं तो बस नज़र आता है हर सू इक धुआं।। #yqaliem #tanha_safar
किस क़दर तन्हा है अब इस दिल का मेरे कारवां,
था कभी आबाद  ख़्वाबों का यहीं पर इक जहां।।

किस सफ़र पर हम चले थे, कौन से हैं मरहले!
न कोई मेरा जहां में न किसी का मैं यहां।।

ख़्वाहिशों के पीछे आख़िर चलते-चलते थक गए,
गुम हुई मंज़िल कहीं, अब क्या करूं, जाऊं कहां?

अब फ़क़त रोशन हैं यादों के दिये हर सू मगर,
तू नहीं तो बस नज़र आता है हर सू इक धुआं।। #yqaliem #tanha_safar