पल्लव की डायरी बनावटी बातो से सियासतों की थाली नारो से सजती हो एक वोट के देने से पांच साल लूट मचती हो जनता के अधिकारों पर कानूनी बन्दूक चलती हो नोकरशाही के जाल में फसकर जनता के सब अधिकारों की रोज ऐसी तैसी होती हो प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" जनता के अधिकारों की रोज ऐसी तैसी होती हो #OurRights