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मां तू जगत जननी है तुझे लिखने का हुनर नहीं है म

मां तू जगत जननी है
तुझे लिखने का  हुनर  नहीं  है मुझमें
जब भी देखा है अपने भीतर तुमको ही पाया है
अपना शीश झुका कर 
"जय हो मां तेरा सहारा,है मेरे इष्ट देवता,
अपना ध्यान रखना और लोगो का भला करना "
की ही गुहार लगाई है
तुम मुझको सुनती हो ना, पता है मुझे
हर रोज देखा करता हु तुमको अनेको रुपो में
में खुश हु मां

©बदनाम
  में खुश हु मां...

में खुश हु मां... #Life

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