तुम छोटी नादान हो कई होनी और अनहोनी से अनजान हो कई जिज्ञासा है तुम्हारे अंदर उत्सुकता से भड़ी एक अबला जान हो तुम छोटी नादान हो कई होनी और अनहोनी से अनजान हो लाज रखो उस मां बाप की जिसकी तुम जहान हो मान रखो उस भाई का जिसकी तुम शान हो तुम छोटी नादान हो प्यार की कोई उम्र नहीं पर तुम कई जोखिम से अनजान हो प्यार तुम्हारा भले सच्चा हो पर शायद तुम बहुचक भ्रम का शिकार हो सच्चा प्यार में कोई आजमाइश नहीं फिर क्यों किसी को दिखाती चमड़े का रंग हो जो रूठे तुझसे बार-बार तो क्यों नग्न मूर्ति समान हो तुम छोटी नादान हो कई अनहोनी से अनजान हो बड़ों का कहना मान लो अपनी मर्यादा और अभिमान का रक्षक तुम स्वयं हो #drjyotishwrites For every choti who is reading this.. शब्द नहीं भाव पढ़ो #तुम_छोटी_नादान_हो #rakhi #sisterbrotherlove #awarenessposts #drjyotishpoems #yqdidi #yqbaba