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जब भी मैं खामोशियों से गुफ्तगु करता हूँ तुझ को मे

जब भी मैं खामोशियों से गुफ्तगु करता हूँ 
तुझ को मेरे महबूब अपने रुबरु करता हूँ। 
तेरे दीद की ये तरकीब है कारगर बड़ी
उठती है जब भी तलब बार बार हूबहू करता हूँ।  खामोशियों से गुफ्तगु
जब भी मैं खामोशियों से गुफ्तगु करता हूँ 
तुझ को मेरे महबूब अपने रुबरु करता हूँ। 
तेरे दीद की ये तरकीब है कारगर बड़ी
उठती है जब भी तलब बार बार हूबहू करता हूँ।  खामोशियों से गुफ्तगु
ckjohny5867

CK JOHNY

New Creator

खामोशियों से गुफ्तगु