कई समंदर तराश लिये उसने, लाखो जवाहरात भी पाएं उसने, एक खाली सीपी आई मेरे हाथों में, जिसमें कुछ इस तरहा दौलते भर रहा हूँ, मुस्कुरा रहा हूँ ! मुस्कुरा रहा हूँ ! बहोत ऊँचा मुक़ाम हासिल किया उसने, जो झुकने को भी मना कर दिया उसने, बिखेर दिये, मोती उसके कदमो में, उन्ही को उठाने की ज़िद करवा रहा हूँ , मुस्कुरा रहा हूँ ! मुस्कुरा रहा हूँ ! #positivism