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®----होली की गंध----© __________________________ ए

®----होली की गंध----©
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एक मादक सी गंध है होली में
बैठी हूँ , कुछ रंग लिए टोली में
मन में है उल्लास तेरी बस याद
चढ़ी बैठी हूँ साँझ की डोली मे
आचल में सफेदी पहन रखी है
तेरे रँगों की रँगीनी की ताक में
भीगे मौसम की ये है नरम धूप
अभी बसंत -शरद की आस में
यह शाम और होली की सुबह
कुछ रँग उतार दियें है दिवार में
बेला- टेशू ,रजनीगंधा की गंध
संभाल कर रखी है ,इंतजार में
चनें की झाड़,ज्वार की  बाली
सहेज रखी दालान की ताख में
कुछ बूँद ओस,कुछ छींटे आँसू
रंग मिले इसमें अपने अंदाज में
गालों की तन्हाई गर्दन का छोर
सबको इंतजार है कल होली में
शेष...

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हेमाश्री प्रयाग #NojotoQuote होली की गंध
®----होली की गंध----©
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एक मादक सी गंध है होली में
बैठी हूँ , कुछ रंग लिए टोली में
मन में है उल्लास तेरी बस याद
चढ़ी बैठी हूँ साँझ की डोली मे
आचल में सफेदी पहन रखी है
®----होली की गंध----©
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एक मादक सी गंध है होली में
बैठी हूँ , कुछ रंग लिए टोली में
मन में है उल्लास तेरी बस याद
चढ़ी बैठी हूँ साँझ की डोली मे
आचल में सफेदी पहन रखी है
तेरे रँगों की रँगीनी की ताक में
भीगे मौसम की ये है नरम धूप
अभी बसंत -शरद की आस में
यह शाम और होली की सुबह
कुछ रँग उतार दियें है दिवार में
बेला- टेशू ,रजनीगंधा की गंध
संभाल कर रखी है ,इंतजार में
चनें की झाड़,ज्वार की  बाली
सहेज रखी दालान की ताख में
कुछ बूँद ओस,कुछ छींटे आँसू
रंग मिले इसमें अपने अंदाज में
गालों की तन्हाई गर्दन का छोर
सबको इंतजार है कल होली में
शेष...

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हेमाश्री प्रयाग #NojotoQuote होली की गंध
®----होली की गंध----©
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एक मादक सी गंध है होली में
बैठी हूँ , कुछ रंग लिए टोली में
मन में है उल्लास तेरी बस याद
चढ़ी बैठी हूँ साँझ की डोली मे
आचल में सफेदी पहन रखी है