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वो मेरी चाहत थी, वो मेरी इबादत तक आ पंहुची.. वो मे

वो मेरी चाहत थी, वो मेरी इबादत तक आ पंहुची..
वो मेरी फिक्र थी,वो मेरी हिफ़ाज़त तक आ पंहुची।
और सुनोगे किस्से मेरी वफाओं के, तो रो दोगे तुम..
हवा ऐसी चली शक की वो मेरी खिलाफत तक आ पंहुची,,,

©Pradeep Kumar #shayri 

#Rose  
अर्श Manisha Sahu vimlesh yadav official saryi sayri
वो मेरी चाहत थी, वो मेरी इबादत तक आ पंहुची..
वो मेरी फिक्र थी,वो मेरी हिफ़ाज़त तक आ पंहुची।
और सुनोगे किस्से मेरी वफाओं के, तो रो दोगे तुम..
हवा ऐसी चली शक की वो मेरी खिलाफत तक आ पंहुची,,,

©Pradeep Kumar #shayri 

#Rose  
अर्श Manisha Sahu vimlesh yadav official saryi sayri