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जैसे कोई मुसाफ़िर मरुस्थल में, तड़प उठता हो

जैसे कोई 
मुसाफ़िर 
मरुस्थल   में,
तड़प  उठता   हो 
एक   बूँद 
पानी के  लिए,
ठीक  बैसे  ही 
मेरे  लिए, 
उम्मीद  की  एक  
किरण  हो  तुम!

©Deepak Kumar 'Deep' #umeed
जैसे कोई 
मुसाफ़िर 
मरुस्थल   में,
तड़प  उठता   हो 
एक   बूँद 
पानी के  लिए,
ठीक  बैसे  ही 
मेरे  लिए, 
उम्मीद  की  एक  
किरण  हो  तुम!

©Deepak Kumar 'Deep' #umeed