सच के लिए शब्द नहीं झूठ अलंकारों से सजा है अन्दर कुछ मोम सा पिघल रहा लेकिन बाहर उजाला खरा है ज़िन्दगी में मेरी फूल नहीं पर उनका बाग हरा भरा है इस लौ को भी बुझना है एक दिन अँधेरा घना होगा तभी सवेरा नया होगा || #lifepoems #randomwords #yqbaba #yqdidi #yqtarun #yqhindi