जब से तुम मुझे मिले मानो मेरी जिन्दगी ही बदल गई,
पता नहीं कब और कैसे पर मुझे बेहिसाब खुशियां मिल गई,
यूं तो कई दोस्त बनाए मैंने, पर तू ना जाने क्यूं बहुत खास सी हो गई,
शायद मिलाना चाहता था वो रब भी हमें, तभी तो लाखों करोड़ों लोगों की भीड़ में तेरी मुझसे और मेरी तुझसे दोस्ती हो गई,
पहली बार जब मिले थे तब अनजान थे एक दूसरे के लिए ,
और आज, आज हमारी दोस्ती इतनी गहरी हो गई की,
अगर एक दिन बात ना हो तो मन उदास हो जाता है,
तू अगर रोए तो मुझे इसका आभास हो जाता है,
मैं अगर रूठ जाऊं तो तुझे चैन नहीं आता है,
और तू अगर ख़ामोश हो जाए तो मेरा दिल घबरा जाता है,
मैं खुशनशीब हूं की मुझे तुझ जैसी दोस्त मिली,
जो बेवजह बिना मतलब के मुझसे इतना प्यार करती है,
मेरी खुशियों से लेकर मेरी नाराज़गी मेरी चीज हर बात का ख्याल रखती है,
मैं उसके हर दुःख में हर सुख में उसका साया बनकर साथ चलती हूं,
दोस्ती की मिठास कुछ इस तरह घुली हमारी ज़िंदगी में,
की अब वो मुझे और मैं उसे खोने से बहुत डरती हूं.....
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