सजदे में तेरे खुद को सौ बार झुकाया है। मोहब्बत कि थी तुझसे इस लिए खुद को हाराकर हर बार तुझे जिताया हैं। समेट के सारे गम तेरे दामन को खुशियों से सजाना है। सजदे में तेरे खुद को सौ बार झुकाया है। अपने सच को झूठ तेरे झूठ को भी सच हर माना है मेरी गलती ना होने पर भी माफी के लिए कदम हर बार मैंने ही बढ़ाया है सजदे में तेरे खुद को सौ बार झुकाया है। तेरे हिस्से के आंसुओं को भी मैंने अपनी आंखों से बहाना है तेरी जिम्मेदारियों को भी मैंने अपने कंधों पर उठाना है। सजदे में तेरे खुद को सौ बार झुकाया है। #Hemलता #peace