अनभिज्ञ हूँ मैं इससे ना समझूँ ये डगर धुंधली सी सुबह नम आंखें ठंड में रुककर तो सिमट जाना है चलते फिर भी आगे बढ़ना है।। #अनभिज्ञ #challenge #yqdidi