सर पर हाथ यहां चंडी का है और छांव है मनसा देवी की.. धुल जाते पाप भी डुबकी लगाकर, यहां गोद में गंगा मैया की.. बिखरा है अपनापन हवाओं में, खुशबू है यहां पहाड़ों की... जन्नत सा है ये हमारा आशियाना, हमे ख्वाहिश नहीं किले और मीनारों की.. #haridwar #MeraShehar #DivyaKiDiarySe ❤ #poetry #shayari #haridwar