दिसंबर में सावन की बहार मांग ली, बादलों से कुछ बारिश उधार मांग ली। उसे दिख गया कोई टूटता हुआ तारा, उसने फिर से मन्नतें बेशुमार मांग ली। बहुत सताती है ये एक तस्वीर तुम्हारी, मुझको लगता है अब बेकार मांग ली। #vishalkashyap #unnao #barish #Love