शहर से बाहर जाता एक कच्चा रस्ता है, दूर उसी रस्ते पर एक गांव बस्ता है। शहर में शहर है अकेला, पर गांव साथ है, गांव छोटा है और यहां एक ही रस्ता है। ईमान पक्के है यहां, भले मकान कच्चे है, जीना यहां आज भी शहरों से सस्ता है। यूं तो परके नेता भी गांव से होकर गुजरे थे, पर हालात गांव के आज भी खस्ता है। शहरों की चकाचौंध से दूर गांव में शांति है, शोर भरे शहरों को भी अकेला पन डस्ता है। बहुत से है जो गांव से अब शहर जा पहुंचे हैं, वापसी का उनको अब ना मिलता रस्ता है। मजबूर हैं गांव आज गुम सा हो चुका है, हाल देखकर गांव का शहर हंसता है। #गांव और #शहर #गांवशहर एक छोटी सी रचना गांव और शहर पर आधारित। #hindiwriters #village vs #city #yqdidi #tarunvijभारतीय