Nojoto: Largest Storytelling Platform

✍️✍️ मैं जमाने से कब का कूच कर गया होता मैं पत्थर

✍️✍️
मैं जमाने से कब का कूच कर गया होता
मैं पत्थर हो गया वरना मैं मर गया होता
✍️✍️
मोम को देखा मैंने आँच से पिघलते हुए
आग सा हो गया वरना बिखर गया होता
✍️✍️
है जमाने की ही मेहनत मुझे बनाने में
फूल को रौंद कर खुशबू विनय उड़ाने में
✍️✍️
हर एक पंखुड़ को खुद तेजाब से धोया मैंने
ज़रा भी प्यार रह जाता तो खर गया होता
✍️✍️
रात आई तो चांद बन के वो टहला सर पर
रोशनी होती तो यूं ही गुजर गया होता

©writervinayazad ✍️✍️
मैं जमाने से कब का कूच कर गया होता
मैं पत्थर हो गया वरना मैं मर गया होता
✍️✍️
मोम को देखा मैंने आँच से पिघलते हुए
आग सा हो गया वरना बिखर गया होता
✍️✍️
है जमाने की ही मेहनत मुझे बनाने में
✍️✍️
मैं जमाने से कब का कूच कर गया होता
मैं पत्थर हो गया वरना मैं मर गया होता
✍️✍️
मोम को देखा मैंने आँच से पिघलते हुए
आग सा हो गया वरना बिखर गया होता
✍️✍️
है जमाने की ही मेहनत मुझे बनाने में
फूल को रौंद कर खुशबू विनय उड़ाने में
✍️✍️
हर एक पंखुड़ को खुद तेजाब से धोया मैंने
ज़रा भी प्यार रह जाता तो खर गया होता
✍️✍️
रात आई तो चांद बन के वो टहला सर पर
रोशनी होती तो यूं ही गुजर गया होता

©writervinayazad ✍️✍️
मैं जमाने से कब का कूच कर गया होता
मैं पत्थर हो गया वरना मैं मर गया होता
✍️✍️
मोम को देखा मैंने आँच से पिघलते हुए
आग सा हो गया वरना बिखर गया होता
✍️✍️
है जमाने की ही मेहनत मुझे बनाने में