वो रात की आगोश में चांद के लिए मचलता रहा, अरमानों की आग से शामियाने को जलाता रहा!! समझाया उसे रुक जा ये चाहत ही जायज नहीं, समा के जलने के हक को नाजायज बताता रहा !! जाम से झलकता नशा रुसवाइयों का कहर था, रुसवाइयों में लिपटे प्यार को वेवक्त जताता रहा!! कांटों से भरे गुलाब से खुद को महकाना था उसे, उलझ गया काँटों में खुद को लहूलुहान करता रहा!! दीप जलाकर खड़ा था वो धुंधली राहों के बीच में, माया,वो तेज हवाओं में रोशन होने को लड़ता रहा!! #nojotohindishayri#love#shayri#dhokha#Life