White अच्छा सा कोई मौसम, तन्हा-सा कोई आलम1 हर वक़्त का रोना तो बेकार का रोना है बरसात का बादल तो दीवाना है क्या जाने किस राह से बचना है किस छत को भिगोना है -: निदा फ़ाज़ली ©A Lost Poet #sad_quotes शायरी हिंदी में शेरो शायरी