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जो मेरी बात ना समझ सके वो बात हैं हम! बीती हुई र

 जो मेरी बात ना समझ सके वो बात  हैं हम!
बीती हुई रात की रौशनी जो सुबह की नई किरण ला दे वो रात है हम!
छोड़ देते है उसे जो अटूट बंधन का रिश्ता बनाकर जिससे ज्यादा करीब होता है!
जो कभी ना छूटे वो साथ है हम!!

©Aditya Raj
   जो मेरी बात ना समझ सके वो बात  हैं हम!
बीती हुई रात की रौशनी जो सुबह की नई किरण ला दे वो रात है हम!
छोड़ देते है उसे जो अटूट बंधन का रिश्ता बनाकर जिससे ज्यादा करीब होता है!
जो कभी ना छूटे वो साथ है हम!!#Raftaar
theinspirationhu3681

Aditya Raj

Bronze Star
New Creator

जो मेरी बात ना समझ सके वो बात हैं हम! बीती हुई रात की रौशनी जो सुबह की नई किरण ला दे वो रात है हम! छोड़ देते है उसे जो अटूट बंधन का रिश्ता बनाकर जिससे ज्यादा करीब होता है! जो कभी ना छूटे वो साथ है हम!!#Raftaar #Poetry

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