तुम हो मैं हूं और हाथों में हाथ हैं, उसका करम ही तो हैं कि हम इक दूजे के साथ हैं, पल हैं समा हैं और हमारी बात हैं, क्या कहूं कि कितनी हसीं यह मुलाकात हैं, इक अजीब सा डर सता रहा इस दिल को, बीतने को शायद अब आज की यह रात हैं, पल भर को ठहरों बस इतनी दरख़्वास्त हैं, गरचे दिल में कहने को तुमसे सैकड़ों जज़्बात हैं, गर मिले तुम तो मैं यही समझुँगा, उस ख़ुदा का मेरे सर पर हाथ हैं।। #bestyqhindiquotes #haseenmulakat #karam #raat #darkhwast #jazbaat #khuda #aprichit YourQuote Baba YourQuote Didi YourQuote New Writers Club Best of YourQuote Poetry