"सुख दुख" सुख दुख में जो साथ देता है वही सच्चा साथी ही होता है। ऐसा कोई मिला नहीं सुख में तो सब साथ देते हैं। दुख में तो कोई साथ नहीं देता है। अपनों और दिल से बने दोस्त की पहचान तब होती है। जब यह दुख में साथ देते हैं। और दुख में साथ केवल अपनी परछाई साथ देती है। इसलिए खुद को समझो खुद को पहचानो और खुद से प्यार करो ऐसे तो सारे रिश्ते दिखावा के लिए सब अपने है। कलम के लफ़्ज़ Written by Neha Gupta #सुखदुख follow my FB page for poetry name कलम के लफ़्ज़