विषादों से भरा जीवन,सरस आनंद जैसा हो। विचारों के गगन में मन विहग- स्वच्छंद जैसा हो। युगों से है,युगों तक हो,सनातन विश्वगुरु भारत, युवाओं का अगर चिंतन विवेकानंद जैसा हो। ---अनंत