दिल में जगह नहीं है अब कहाँ दिल लगाए मौसम भी मोहब्बत का है असर भी नहीं कर रहा है। जिनके लिए लिखा करते थे जिनका जिक्र करते ही मेरी शायरी इश्क़ पर इतरा करती थी। मेरे लफ्जों में भी इश्क़ की ताकद थी अब यादो को लिख रही हुं दर्द को छिपा कर । ©SUREKHA THORAT #दिल_की_आवाज