एक कविता दोस्तों के नाम ...! =================== अजीब दास्तान है दोस्ती की , लड़ना मिलने से भी अच्छा लगता है ! लड़कर मनाने वाले भी होते है कुछ , तो कुछ को चिढ़ाना, अच्छा लगता है ! दोस्त के मुहँ से कुछ सुनने के लिए, कभी झुक जाना भी अच्छा लगता है ! सफर बस का हो या जिंदगी का, खत्म ही नही होती बातें , फिर भी खामोश रहकर , मुस्कुराना अच्छा लगता है ! चार दोस्तों में लगता है, मिल गई पुरी दुनिया बाकी सब भूल जाना , अच्छा लगता है ! यारों हमेशा साथ रहना ... तुम्हारा याराना , अच्छा लगता है !! ___ अनवर हुसैन अणु भागलपुरी Miss u dear...... #एककवितादोस्तोंकेनाम ...! =================== अजीब दास्तान है दोस्ती की , लड़ना मिलने से भी अच्छा लगता है ! लड़कर मनाने वाले भी होते है कुछ , तो कुछ को चिढ़ाना, अच्छा लगता है !