इस बात से कि, कौन कहता है मैं पराई हूँ, पराई नहीं दुखदायी सही, पर तेरी ही परछाई हूँ, आँखों में आँसू दिल में इक उम्मीद बन इठलाई हूँ, जो कह ना सको जो सह ना सको उस दर्द की ही दवाई हूँ, बिन जाने बिन पहचाने इक मेहमान बन कर आई हूँ, अंजाने हाथों में अनमोल हीरे से पत्थर कहलाई हूँ, गर समझो मुझको अपना तो मैं बस तुम से हर्षाई हूँ, पराई नहीं दुखदायी सही, पर तेरी ही परछाई हूँ... असहमति का होना भी बहुत ज़रूरी है। बताइये किस बात से इनकार है आपको और क्यों। Collab करें YQ Didi के साथ। #इनकारहैमुझे #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine